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नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला का आयोजन हर वर्ष राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के द्वारा दिल्ली के प्रगति मैदान में किया जाता है। यह मेला पिछले ४१ वर्षों से प्रतिवर्ष लगाया जा रहा है। क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है की पहली बार यह मेला किसने लगवाया होगा…..? ? ?

अच्छा जाने दीजिए! क्या आप यह जानते हैं की भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय आन्दोलन, राजा राममोहन रॉय फाउंडेशन की शुरुआत किसने की थी। यानी आधुनिक पुस्तकालयों का जो स्वरूप हम और आप आज देख रहे हैं, उसके नींव में कौन गड़ा है।
समझ में नहीं आया, चलिए जानते हैं…

वो थे पंजाबी, हिंदी और उर्दू भाषाओं के प्रसिद्ध साहित्यकार करतार सिंह दुग्गल। जिनका जन्म १ मार्च, १९१७ को रावलपिंडी, पंजाब में हुआ था। उनकी शिक्षा लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से हुई थी। कालांतर में आकाशवाणी के केंद्र निदेशक समेत विभिन्न पदों पर काम किया तथा आकाशवाणी के लिये अनेकों नाटक और कहानियाँ उन्होंने लिखीं।

करतार सिंह दुग्गल जब नेशनल बुक ट्रस्ट के संचालक बने तब उन्होंने विश्व पुस्तक मेला का आगाज किया। राजा राममोहन रॉय फाउंडेशन, (यानी पुस्तकालयों की श्रृंखला) भी दुग्गल साहब के हाथों क़ायम हुआ। करतार सिंह दुग्गल को भारत सरकार द्वारा ‘साहित्य एवं शिक्षा’ के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वे साहित्य अकादमी सम्मान सहित कई अनन्य सम्मानों से नवाजे गए उन्होंने उपन्यास, कहानियाँ, और नाटक लिख कर साहित्य की दुनिया को समृद्ध किया। आज ही के दिन यानी १ मार्च, १९१७ को जन्में दुग्गल साहब को गुरु ग्रंथ साहब के नए काव्य संस्करण के लिए भी याद किया जाता है।

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