रामकिंकर बैज
जन्म – २० मई १९०६
जन्म स्थान – पश्चिम बंगाल के बांकुरा
एक आर्थिक और सामाजिक रुप से विपन्न परिवार में जन्में रामकिन्कर अपने दृढ़ संकल्प से भारतीय कला के प्रतिष्ठित प्रारंभिक आधुनिक कलाकारों में से एक बने। भारतीय कला में उनके अतुल्य योगदान के लिए वर्ष १९७० में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया। रामकिंकर जी की स्मारकीय शिल्पकृतियों ने सार्वजनिक कला में अपना एक अलग प्रतिमान स्थापित किया। उनकी कला यात्रा के छह दशकों की लगभग ३५० महत्वपूर्ण चित्रकृतियों, रेखाचित्रों, ग्राफिकों और मूर्ति संग्रह इस प्रदर्शनी में शामिल है। इस प्रदर्शनी के क्यूरेटर के. एस. राधाकृष्णन ने कहा कि –‘मेरी इस प्रदर्शनी का उद्देश्य रामकिंकर बैज के जीवन के उन क्षणों को प्रस्तुत करना है जिसमें उन्होंने उनसे पहले काम करने वाले, उनके साथ काम करने वाले और उनके बाद काम करने वालों से सामंजस्य स्थापित किया।’
इस सिंहावलोकन प्रदर्शनी के अवसर पर एनजीएमए को कुछ महत्वपूर्ण प्रकाशनों को प्रस्तुत करते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है। इन प्रकाशनों में- दिल्ली आर्ट गैलरी के गठजोड़ के साथ प्रस्तुत प्रो. आर. सिवा कुमार रचित ‘रामकिंकर बैज’, नियोगी बुक्स के गठजोड़ में मूल रुप से श्री सोमेन्द्राथ बंदापाध्याय द्वारा रचित और सुश्री भासवती घोष द्वारा अनूदित ‘माई डेज विथ रामकिंकर’, मुसुई आर्ट फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत और आकार प्रकार तथा नव्या गैलरी द्वारा समर्थित श्री के. एस. राधाकृष्णन कृत ‘रामकिंकर्स यक्ष यक्षी’ और मुसुई आर्ट फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत तथा श्री जॉनी एम. एल. द्वारा रचित ‘रामकिंकर स्ट्रेट फ्रॉम माई हार्ट’ शामिल हैं।
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के निदेशक प्रो. राजीव लोचन ने कहा कि-यह प्रदर्शनी उस महान और सृजनात्मक व्यक्तित्व के जीवन को प्रकाशित करती है जो एक फकीर और घुमक्कड़ प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। उन्होंने अपने काम के जरिए जीवन से विशाल कलाकार व्यक्तित्व और सृजनात्मक प्रतिभा को प्रतिबिंबित किया है।
श्री रामकिंकर के जयंती के शुभ अवसर पर Ashwini Rai ‘arun’ तहे दिल से उन्हें नमन करता है।
धन्यवाद !