राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम!...
रामचरित मानस
आज भी सबसे बड़ी चिन्ताजनक बात यह है की...
दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी॥...