प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं।
मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं॥
ढोल गंवार सूद्र पसु नारी।
सकल ताड़ना के अधिकारी॥
अर्थात : प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी (दंड दिया), किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव)...
काशी अवस्थित आधुनिक काल के भव्य मंदिरों में एक है तुलसी मानस मन्दिर।
स्थापना...
यह एक बहुत ही मनोरम मन्दिर है, जो प्राचीन दुर्गा मन्दिर के ठीक निकट स्थित है। मन्दिर को सेठ रतन...
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सुदसरथ अजिर बिहारी
(राम सिया राम, सिया राम जय जय राम)
अर्थ : जो मंगल करने वाले और अमंगल को दूर करने वाले हैं, वो दशरथ नंदन श्रीराम जी हैं,...
(सच्ची रामायण का सच भाग – १ से आगे)
पेरियार की काशी यात्रा...
वर्ष १९०४ की बात है, एक ब्राह्मण थे जिसे पेरियार के पिता बेहद आदर और सम्मान करते थे। उन ब्राह्मण के...
राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम! राम!
भगवान श्रीराम हम सनातनियों के लिये आदर्श हैं, पूजनीय हैं और अगर मानवीय रूप में कहें तो महापुरुष हैं। उनका जीवन शैली, चरित्र...
आज भी सबसे बड़ी चिन्ताजनक बात यह है की रामायण कब लिखा गया ? यह रामचरित है या सिर्फ कोई काल्पनिक ग्रंथ, वगैरह वगैरह। और इसमें कुछ भारतीय विद्वान समय सीमा तय...
दीन दयाल बिरिदु संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी॥
१७ अगस्त अर्थात आज ही, श्रावण मास की सप्तमी को तुलसीदासजी की जयंती मनाई जाती है। तुलसीदास जी ने सगुण भक्ति की रामभक्ति धारा को...