वाह रे मोदी, पूरी जिन्दगी की कमाई एक पल में गवाई। वो लगे है देश को सामान भाव में लाने में। 

एक आदमी है जो पुरे जीवन की कमाई को कंजुशी कर कर के, एक एक सुख को इच्छा को त्याग कर पैसा जोड़ता है और यही काम उसके आद औलाद भी करते है। अपनी मान सम्मान और पैसा बनाते है। दूसरी तरफ, दूसरा परिवार है जो अपनी कमाई को ऐयासी में उड़ाता है और गरीब बना रहता है। अब देखने वाली बात यह है की एक आदमी सिर्फ मेहनत करता है और पैसे बचाता है और अमीर बनता है लेकिन दूसरी तरफ दूसरा आदमी सिर्फ गरीबी का रोना रोता है और सिर्फ ऐश करता है। 

इश बिच सरकार में बदलाव होता और एक क़ानून लाता है सब बराबर। 

हो गया बराबर 

कौन नौकरी करेगा, कौन बिजनेश।।

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