जूलियस सीजर



सन् १६०१ से १६०४ ई. के मध्य शेक्सपियर द्वारा लिखित जूलियस सीज़र अंग्रेजी भाषा का एक दुःखान्त नाटक है। यह नाटक निराशा, वेदना और तिक्तता से अधिक कुछ भी नहीं देता। वैसे तो मेरी समझ इतनी नहीं कि मैं शेक्सपियर के साहित्य पर कुछ लिख सकूं, मगर इस नाटक में मुझे तीन अलग अलग बिंदुओं पर नजर पड़ी।

१. शेक्सपियर और उनकी लेखनी
२. नाटक अथवा उसकी कहानी
३. यूरोप की संस्कृति

शेक्सपियर द्वारा रचित जूलियस सीज़र मूलतः एक राजनीतिक नाटक है। इसमें स्त्री पात्रों को कोई विशेष महत्त्व नहीं दिया गया है। इस नाटक में राज्य, प्रजा और उसकी स्वतन्त्रता के प्रश्न पर विवेचन है। ब्रूटस एक खल पात्र है जिसे बड़ी कुशलता से नाटककार ने गढ़ा है। ब्रूट्स को देखकर ऐसा लगता है की वह घृणा का नहीं बल्कि वेदना का पात्र है। यह नाटक नाटककार की मूल कृति है इसमें कोई अतिशोक्ति अथवा दुविधा नहीं है। मगर इस नाटक को लिखने से पूर्व नाटककार ने रामायण और महाभारत की कहानियों को पढ़ा अथवा सुना होगा। क्योंकि चरित्रों में कहीं कहीं महाभारत के कर्ण और रामायण के बाली नाहक ही नजर के सामने घूमने लगते हैं। यहीं पर हमारा हृदय व्याकुल हो उठता है। सीज़र तो बीच में ही मर जाता है, परंतु नाटककार ने बड़ी कुशलता से अन्त तक ऐसा चित्रण किया है कि मरने पर भी वह आँखों के सामने रहता है और इस प्रकार नायक की अनुपस्थिति में भी नायक अनुपस्थित-सा नहीं दिखाई देता।

इस नाटक में एक और बात साफ साफ देखने को मिलती है कि आज का पश्चिमी समाज चाहे जैसा भी हो मगर वह पहले ऊंच–नीच, छुआ–छूत आदि सामाजिक बीमारियों से बुरी तरह से ग्रसित था। जिसका बुरा प्रभाव विश्व के तकरीबन सभी देशों पर पड़ा। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण आज का (मुगल काल से अंग्रेजों के बाद का) भारत है।

‘जूलियस सीज़र’ में शेक्सपियर ने मनुष्यों के स्वार्थों और आवेशों का बेहतरीन चित्रण किया है और साथ ही न्याय और सापेक्ष सत्यों का भी आकर्षक स्वरूप प्रदान किया है।

यह तो हमें नहीं पता कि कथा का स्रोत क्या है, मगर विद्वानों के अनुसार यह नाटक सर टामस नार्थ द्वारा अनूदित ‘प्लूटार्क की सीज़र, ब्रूटस तथा ऐण्टोनी की जीवनियाँ’ नामक पुस्तक से लिया गया है। अब आपको यह भी बताते चलें कि प्लूटार्क पहली शती का यूनानी लेखक थे। उन्होंने अनेक प्रसिद्ध ग्रीक तथा रोम-निवासियों के जीवन-चरित्र लिखे थे। अतः इससे साफ जान पड़ता है कि यही वे स्रोत हैं जिसे लेकर शेक्सपियर ने जूलियस सीज़र के अलावा और दो नाटक लिखे – ऐण्टोनी एण्ड क्लियोपैट्रा तथा कोरियोलैनस।

इसके अलावा भी कई ऐसे विद्वान हैं जिनके अनुसार वर्ष १५७८ ई. में अनूदित ‘गृह-युद्ध’ नाटक तथा एपियन के इतिहास से भी ‘जूलियस सीज़र’ में मदद ली गई है। साथ ही विद्वत मंडलियों में यह भी खुसुर फुसुर है कि इस नाटक को शेक्सपियर से पूर्व स्टर्लिंग ने अंग्रेज़ी में लिखा था।

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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