सच्ची रामायण का सच भाग – २

(सच्ची रामायण का सच भाग – १ से आगे)

पेरियार की काशी यात्रा…

वर्ष १९०४ की बात है, एक ब्राह्मण थे जिसे पेरियार के पिता बेहद आदर और सम्मान करते थे। उन ब्राह्मण के एक भाई थे, जिनसे किसी कारण से गांव के कुछ लोग जलते थे इसलिए उन्होंने किसी अपराध में फंसा दिया था। मगर वो पुलिस की गिरफ्त से बचते आ रहे थे परंतु एक दिन पेरियार की मदद से पुलिस ने ब्राह्मण के भाई को गिरफ़्तार कर लिया। इस बात को जानकर पेरियार के पिता काफी खफा हुए और उन्होंने लोगों के सामने ही पेरियार को खूब पीटा। इसके बाद कुछ दिनों के लिए पेरियार को घर छोड़ना पड़ा और वे काशी चले गए। पूर्वाग्रह से ग्रसित पेरियार को काशी के सनातनी हवा से दम घुटने लगा। वे जहां जाते हिंदुत्व को चैलेंज करने लगते, मगर जब उन्हें किसी ने कोई महत्व नहीं दिया तो उनका अहम जाग उठा और उन्होने हिन्दुत्व के विरोध करने की ठान ली। और आश्चर्य की बात यह थी इसके लिए उन्होने किसी और धर्म को भी नहीं स्वीकारा।

राजनीति में सक्रियता…

वर्ष १९१९ में उन्होने कांग्रेस की सदस्यता ली। इसके कुछ दिनों के भीतर ही अपनी तोड़ मोड़ की कूटनीति से वे तमिलनाडु इकाई के प्रमुख भी बन गए। केरल में उन्होंने वाईकॉम आन्दोलन का नेतृत्व भी किया और मन्दिरों के अस्तित्व पर भी सवाल उठाए। उसके रास्ते को अवरोधित भी किया। उन्होंने अपनी राजनीति चमकाने के लिए दलित समाज को इस्तेमाल किया। उन्हें मंदिरों के रास्ते को अवरोध करने के लिए उकसाया। इस कार्य में उनके साथ उनकी पत्नी तथा कुछ अन्य लोगों ने साथ दिया।

युवाओं के लिए कांग्रेस द्वारा संचालित प्रशिक्षण शिविर में एक ब्राह्मण द्वारा प्रशिक्षण का उन्होंने काफी विरोध किया, मगर कांग्रेस ने इस बाद को ज्यादा महत्व नहीं दिया इससे उनके मूर्ख मन को बेहद ठेस लगी और उन्होने कांग्रेस छोड़ दिया। दलितों की राजनीति करने के लिए वर्ष १९२५ में उन्होने एक आंदोलन भी चलाया मगर सफल नहीं हो सके। सोवियत रूस के दौरे पर जाने पर उन्हें साम्यवाद की सफलता ने बहुत प्रभावित किया। वापस आकर उन्होने आर्थिक नीति को साम्यवादी बनाने की घोषणा की। पर बाद में अपना विचार बदल लिया।

फिर इन्होने जस्टिस पार्टी को अपना ठिकाना बनाया जिसकी स्थापना कुछ गैर ब्राह्मणों ने की थी। वर्ष १९४४ में जस्टिस पार्टी का नाम बदलकर द्रविदर कड़गम कर दिया गया। वर्ष १९४० में ई.वी. रामास्वामी पेरियार ने एक अलग देश पाकिस्तान के लिए मुस्लिम लीग के दावे का समर्थन भी किया और बदले में अपने लिए समर्थन की अपेक्षा की। इसके तुरंत बाद ही मुस्लिम लीग के प्रमुख नेता जिन्ना ने मद्रास के गवर्नर के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत को चार क्षेत्रों में विभाजित किया जाना चाहिए– द्रविड़स्तान, हिंदुस्तान, बंगिस्तान और पाकिस्तान। आपको बताते चलें कि द्रविड़स्तान लगभग मद्रास प्रेसीडेंसी क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जिसका लालच पेरियार को था। जिन्ना ने पेरियार से कहा, “मेरे पास आपके लिए हर सहानुभूति है और हम सभी तरह की मदद करने के लिए तैयार हैं, आप द्रविड़स्तान की स्थापना करें जहांकी सात प्रतिशत मुस्लिम आबादी आपकी ओर अपनी दोस्ती का हाथ बढ़ाएगी और आपके साथ सुरक्षा, न्याय और निष्पक्षता की तर्ज पर रहेगी।” मगर ऐसा हो ना सका, चालक जिन्ना अपना काम निकाल भारत से अलग हो गया।

स्वतंत्रता के बाद पेरियार ने अपने से २० वर्ष छोटी स्त्री से दुबारा शादी की जिससे उनके समर्थकों में दरार आ गई और इसके फलस्वरूप डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कळगम) पार्टी का उदय हुआ। वर्ष १९३७ में राजाजी द्वारा तमिलनाडु में हिन्दी के अनिवार्य शिक्षण का उन्होने घोर विरोध किया।

सारांस : ऐसा व्यक्ति जो धर्म की अवहेलना करता है और वो भी एक बार नही बारबार करता है। ऐसा व्यक्ति जो देश के भाईचारा को तार तार करता है। वह व्यक्ति जो अपनी मातृभूमि के टुकड़े करने वाले का साथ देता है और इतना ही नहीं वह स्वयं के लिए भी देश के एक टुकड़े की इच्छा भी रखता हो, आदि आदि। अब सोचने वाली बात यह है कि ऐसे व्यक्ति द्वारा लिखी रामायण से हम आप क्या आशा रख सकते हैं।

क्रमशः

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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