काल भैरव मन्दिर

काशी का काल भैरव मन्दिर वाराणसी कैन्ट स्टेशन से लगभग ३ किलोमीटर दूर शहर के उत्तरी भाग में स्थित है। यह मन्दिर काशीखण्ड में उल्लिखित पुरातन मन्दिरों में से एक है। इस मन्दिर की पौराणिक मान्यता यह है कि बाबा विश्वनाथ ने काल भैरव को काशी का कोतवाल नियुक्त किया था। भैरव जी को काशीवासियो के दंड देने का अधिकार है।

“पहले ‘काशी कोतवाल’ की पूजा फिर काम दूजा…”

रहस्य…

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शहर में कोई भी शुभ काम करने से पूर्व ‘काशी के कोतवाल’ यानी बाबा काल भैरव की पूजा की जाती है। कहा तो यहां तक जाता है कि काशी नगरी में काल भैरव की मर्जी चलती है। भगवान शिव की पूजा करने से पूर्व भी इन्हीं की पूजा की जाती है।

कारण और कथा…

कहा जाता है कि एक बार ब्रह्माजी और श्री विष्णु के बीच चर्चा छिड़ गई कि उन दोनों में से आखिर कौन बड़ा और शक्तिशाली है। इस विवाद के बीच भगवान शिव की चर्चा हुई। इसी चर्चा के दौरान ब्रह्माजी के पांचवें मुख ने भगवान शिव की आलोचना कर दी। ये सुनकर बाबा भोलेनाथ बहुत अधिक क्रोधित हो गए। कहा जाता है कि भगवान शिव के इसी गुस्से से काल भैरव का जन्म हुआ। यही वजह है कि काल भैरव को शिव का अंश भी माना जाता है। काल भैरव ने शिव के आलोचन करने वाले ब्रह्माजी के पांचवें मुख को अपने नाखुनों से काट दिया।

काल भैरव ने गुस्से में ब्रह्माजी के पांचवें मुख को काट तो दिया लेकिन वो मुख काल भैरव के हाथ से अलग ही नहीं हो रहा था। इस वक्त वहां शिव जी प्रक्रट हुए। शिव ने काल भैरव से कहा, तुमने ये क्या किया… तुम्हे तो ब्रह्म हत्‍या का दोष लग गया है। इस दोष को मिटाने का एक ही तरीका है कि तुम एक आम व्‍यक्ति की तरह तीनों लोकों का भ्रमण करो। जिस स्थान पर ब्रह्मा का ये पांचवां मुख तुम्‍हारे हाथ से छूट जाएगा, वहीं पर तुम इस पाप से मुक्‍ती पाओगे। भगवान शिव का आदेश मिलते ही भैरव जी तीनों लोकों का भ्रमण करने के लिए पैदल ही निकल पड़े। परंतु जैसे ही वह अपनी यात्रा शुरू करने ही वाले थे कि शिवजी की प्रेरणा से वहां एक कन्या प्रकट हो गई। यह तेजस्‍वी कन्‍या अपनी जीभ से कटोरे में रखे रक्‍त का पान कर रही थी। कन्या कोई आम कन्या तो थी नहीं, वह ब्रह्म हत्‍या थी। शिवजी ने इस कन्या को भैरव के पीछे छोड़ा था ताकि भैरव तीनों लोकों का भ्रमण करना ना छोड़े।

तीनों लोकों का भ्रमण करते हुए जब भैरव जी काशी पहुंचे तो उनका पीछा कर रही कन्या पीछे छूट गई। शिवजी के आज्ञानुसार कन्‍या को काशी में प्रवेश वर्जित था। जैसे जी भैरव जी गंगा तट पर पहुंचे तो उनके हाथ से ब्रह्माजी का शीश अलग हो गया। इसी के साथ भैरव जी को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिल गई। काल भैरव को पाप से मुक्ति मिलते ही भगवान शिव वहां प्रक्रट हुए और उन्होंने काल भैरव को वहीं रहकर तप करने का आदेश दिया। उसके बाद से कहा जाता है कि काल भैरव काशी नगरी में बस गए।

काशी के कोतवाल…

काशी में काल भैरव को तप करने का आदेश देने के बाद बाबा विश्वनाथ ने काल भैरव को आशीर्वाद दिया कि तुम इस नगर के कोतवाल कहे जाओगे और युगो-युगो तक तुम्हारी इसी रूप में पूजा की जाएगी। इसीलिए कहा जाता है कि विश्वेश्वर के आशीर्वाद से काल भैरव काशी में ही बस गए और वो जिस स्थान पर रहते थे वहीं काल भैरव का मंदिर स्‍थापित है।

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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