April 20, 2024

काशी में केदार घाट के पास केदारेश्‍वर मंदिर है। यह मंदिर १७वीं शताब्‍दी में औरंगजेब के कहर से बच गया था। इसी के समीप गौरी कुण्‍ड है। इसी को आदि मणिकार्णिका अथवा मूल मणिकार्णिका कहा जाता है।

प्राचीनता…

मणिकार्णिका घाट के समीप विष्‍णु चरणपादुका है, जिसे आज के समय ने मार्बल से चिन्हित किया गया है। यह स्थान काशी के पवित्रतम स्‍थान कहा जाता है। अनुश्रुतियों के अनुसार, भगवान विष्‍णु ने यहां ध्‍यान लगाया था। इसी के समीप मणिकार्णिका कुण्‍ड है। माना जाता है कि भगवान शिव का मणि तथा देवी पार्वती का कर्णफूल इस कुण्‍ड में गिरा था। चक्रपुष्‍करर्णी एक चौकोर कुण्‍ड है। इसके चारो ओर लोहे की रेलिंग बनी हुई है। इसे विश्‍व को पहला कुण्‍ड माना जाता है।

नजदीक के अन्य मंदिर…

यहां का काली भैरव मंदिर भी प्रसिद्ध है। यह मंदिर गोदौलिया चौक से दो किलोमीटर उत्तर-पूर्व में टाउन हॉल के पास स्थित है। इसमें भगवान शिव की रौद्र मूर्त्ति स्‍थापित है। इसी के नजदीक बिंदू माधव जी का मंदिर है। यह मंदिर भगवान विष्‍णु को समर्पित है।

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1 thought on “केदारेश्‍वर मंदिर

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