विशालाक्षी मंदिर

विशालाक्षी शक्तिपीठ या काशी विशालाक्षी मंदिर प्रसिद्ध ५१ शक्तिपीठों में से एक है। यह मन्दिर विश्व के प्राचीनतम नगरों में से अति प्राचीन नगरी काशी में है, जो काशी विश्‍वनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर मीर घाट पर स्थित है। काशी विशालाक्षी मंदिर का वर्णन देवीपुराण में किया गया है।

मान्यता…

मान्यताओं के अनुसार, यहाँ माता सती की आँख अथवा दाहिने कान के मणि गिरे थे। यहाँ की शक्ति ‘विशालाक्षी माता’ तथा भैरव ‘काल भैरव’ हैं। पुराणों के अनुसार जहाँ-जहाँ सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहाँ-वहाँ शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ‘देवीपुराण’ में ५१ शक्तिपीठों का वर्णन है, जो सम्पूर्ण भारत में फैले हुए हैं।

कथा…

जब भगवान शिव वियोगी होकर सती के मृत शरीर को अपने कंधे पर रखकर इधर-उधर घूम रहे थे, तब भगवती का कर्ण कुण्डल इसी स्थान पर गिरा था। एक अन्य आख्यान के अनुसार माँ अन्नपूर्णा, जिनके आशीर्वाद से संसार के समस्त जीव भोजन प्राप्त करते हैं, वे ही ‘विशालाक्षी’ हैं। ‘स्कंद पुराण’ की कथा के अनुसार जब ऋषि व्यास को काशी में कोई भी भोजन अर्पण नहीं कर रहा था, तब विशालाक्षी एक गृहिणी की भूमिका में प्रकट हुईं और ऋषि व्यास को भोजन दिया। विशालाक्षी की भूमिका बिलकुल अन्नपूर्णा के समान थी।

तंत्रसागर के अनुसार…

भगवती गौरवर्णा हैं। उनके दिव्य विग्रह से तप्त स्वर्ण सदृश्य कांति प्रवाहित होती है। वह अत्यंत रूपवती हैं तथा सदैव षोडशवर्षीया दिखती हैं। वह मुण्डमाल धारण करती हैं, रक्तवस्त्र पहनती हैं। उनके दो हाथ हैं जिनमें क्रमशः खड्ग और खप्पर रहता है।

तंत्रचूड़ामणि के अनुसार…

काशी में सती के दाहिने कान की मणि का निपात हुआ था। यह स्थान मीरघाट मुहल्ले के मकान नंबर डी/३-८५ में स्थित है, जहाँ विशालाक्षी गौरी का प्रसिद्ध मंदिर तथा विशालाक्षेश्वर महादेव का शिवलिंग भी है। यहाँ भगवान् काशी विश्वनाथ विश्राम करते हैं।

विशालाक्षी पीठ…

देवी भागवत के १०८ शक्तिपीठों में सर्वप्रथम विशालाक्षी का नामोल्लेख है,

वाराणस्यां विशालाक्षी नैमिषे लिंगधारिणी।
प्रयागे ललिता देवी कामाक्षी गंधमादने॥

जहाँ सती का मुख गिरा था। देवी के सिद्ध स्थानों में काशी में मात्र विशालाक्षी का वर्णन मिलता है तथा एक मात्र विशालाक्षी पीठ का उल्लेख काशी में किया गया है।

अविमुक्ते विशालाक्षी महाभागा महालये।

तथा

वारणस्यां विशालाक्षी गौरीमुख निवासिनी।

स्कंद पुराण के अनुसार…

विशालाक्षी नौ गौरियों में पंचम हैं तथा भगवान् श्री काशी विश्वनाथ उनके मंदिर के समीप ही विश्राम करते हैं।

विशालाक्ष्या महासौधे मम विश्राम भूमिका।
तत्र संसृति खित्तान्नां विश्रामं श्राणयाम्यहम्॥

महत्त्व…

विशालाक्षी शक्तिपीठ भारत का अत्यंत पावन तीर्थ स्थान है। यहां की शक्ति विशालाक्षी माता तथा भैरव काल भैरव हैं। श्रद्धालु यहां शुरू से ही देवी माँ के रूप में विशालाक्षी तथा भगवान शिव के रूप में काल भैरव की पूजा करने आते हैं। पुराणों में ऐसी परंपरा है कि विशालाक्षी माता को गंगा स्नान के बाद धूप, दीप, सुगंधित हार व मोतियों के आभूषण, नवीन वस्त्र आदि चढ़ाए जाएँ। ऐसी मान्यता है कि यह शक्तिपीठ दुर्गा मां की शक्ति का प्रतीक है। दुर्गा पूजा के समय हर साल लाखों श्रद्धालु इस शक्तिपीठ के दर्शन करने के लिए आते हैं। देवी विशालाक्षी की पूजा-उपासना से सौंदर्य और धन की प्राप्ति होती है। यहां दान, जप और यज्ञ करने पर मुक्ति प्राप्त होती है। ऐसी मान्यता है कि यदि यहां ४१ मंगलवार ‘कुमकुम’ का प्रसाद चढ़ाया जाए तो इससे देवी माँ भक्त झोली भर देती हैं।

अश्विनी रायhttp://shoot2pen.in
माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

Similar Articles

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertismentspot_img

Instagram

Most Popular