November 23, 2024

काशी में गंगा तट पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं। काशी में लगभग ८४ घाट हैं, जो लगभग ४ मील लम्‍बे तट पर बने हुए हैं। इन ८४ घाटों में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्‍हें सामूहिक रूप से ‘पंचतीर्थ’ कहा जाता है। ये हैं असी घाट, दशाश्वमेध घाट, आदिकेशव घाट, पंचगंगा घाट तथा मणिकर्णिका घाट।

६४. राजा घाट का निर्माण माधोराव पेशवा ने करवाया था।

६५. राजेंद्र प्रसाद घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया था।

६६. राणा घाट का निर्माण उदयपुर के राजा ने करवाया था।

६७. राम घाट का निर्माण माधोराव पेशवा ने करवाया था।

६८. ललिता घाट घाट का निर्माण नेपाल नरेश ने करवाया था।

६९. लल्ली घाट का निर्माण महाराजा बनारस ने करवाया था।

७०. लाल घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया था।

७१. लाला मिश्र घाट का निर्माण महाराजा रीवां ने करवाया था।

७२. वरुणा संगम घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया था।

७३. विजयनगरम घाट का निर्माण महाराजा विजयनगरम ने करवाया था।

७४. शिवाला घाट का निर्माण पं. बैजनाथ मिश्र ने करवाया था।

७५. शीतला घाट का निर्माण महाराजा, बूँदी ने करवाया था।

७६. शीतला घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया है।

७७. संकटा घाट का निर्माण महाराज बड़ौदा ने करवाया था।

७८. संकटा घाट गंगामहल, का निर्माण महाराजा ग्वालियर ने करवाया था।

७९. सिंधिंया घाट का निर्माण महाराजा, ग्वालियर ने करवाया था।

८०. सोमेश्वर घाट का निर्माण कुमार स्वामी ने करवाया था।

८१. हनुमान घाट का निर्माण महंत हरिहर जी ने करवाया था।

८२. हरिश्चंद घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया था।

८३. रविदास घाट वर्तमान नगवाँ क्षेत्र में स्थित है। घाट तट पर राज्य सरकार के द्वारा संत रविदास पार्क का निर्माण कराया गया है जो सुन्दर, हरा-भरा एवं रमणीय है। इस घाट पर भी स्नानार्थियों की संख्या नगण्य है, गंगा एवं प्रकृति के समन्वय स्थल के मनोरम दृश्य का आनन्द लेने के लिये लोग इस पार्क में आते हैं। धार्मिक दृष्टि से इसका कोई विशेष महत्व नहीं है परन्तु पर्यटकों का आवागमन काफी संख्या में होता है।

८४. मालवीय घाट; अस्सी घाट के दक्षिणी भाग का विस्तार करने के पश्चात् घाट का पक्का निर्माण कराया गया। इस विस्तारित क्षेत्र को महामना मदन मोहन मालवीय जी के नाम पर मालवीय घाट से नामकरण किया गया। अस्सी घाट से सटे होने के कारण पर्यटकों एवं स्नानार्थियों का यहां भी आगमन होता है।

८५. सामने घाट या कच्चा घाट वाराणसी के प्रसिद्ध घाटों में से एक है। वर्तमान में यह घाट कच्चा है, गंगा तट के सामने दूसरे तट पर रामनगर में वर्तमान काशी नरेश का किला है, जिसके कारण इसका नाम सामने घाट से प्रचलित हो गया। गंगा के उस पार जाने के लिये पक्के पुल का निर्माण हुआ है जो रामनगर को काशी से जोड़ता है। धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से इस घाट का कोई खास महत्व नहीं है फिर भी स्थानीय निवासी यहां स्नान कार्य एवं पूजा-पाठ करते हैं।

काशी का अस्सी 

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