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वर्ष १९५६ में निर्देशक अनंत ठाकुर ने राज कपूर और नर्गिस को लेकर ‘चोरी चोरी’ फिल्म बनाई थी, जो हिन्दी भाषा की हास्य पर आधारित एक प्रेमकहानी फिल्म थी। इस फिल्म में राज कपूर और नर्गिस के अलावा भगवान दादा, प्राण, डेविड और जॉनी वॉकर आदि ने भी काम किया है। फिल्म को संगीत दिया है शंकर-जयकिशन जी की जोड़ी ने। इस फिल्म के गाने उन दिनों बहुत लोकप्रिय हुए थे। ‘चोरी चोरी’ का रिमेक वर्ष १९९१ में ‘दिल है के मानता नहीं’ के नाम से महेश भट्ट ने आमिर खान और पूजा भट्ट को साथ लेकर बनाई थी।

कार्यकारिणी…

निर्माता : एल. बी. लछमन
निर्देशक : अनंत ठाकुर
लेखक : आग़ाजानी कश्मीरी

कलाकार : नर्गिस, राज कपूर, प्राण, गोपी, भगवान, डेविड, मुकरी, राज मेहरा, जॉनी वॉकर, इंदिरा बंसल, नीलम, मारुति आदि।

संगीतकार : शंकर-जयकिशन
गीतकार : हसरत जयपुरी, शैलेन्द्र
गायक गायिका : मन्ना डे, लता मंगेश्कर, आशा भोंसले, मोहम्मद रफ़ी

कहानी का सार…

कम्मो अपने करोड़पति पिता, गिरधारीलाल के साथ बहुत ही समृद्ध जीवन शैली में रहती है। वह चाहते हैं कि उसकी शादी किसी ऐसे व्यक्ति से हो जाए जो उनके धन के पीछे नहीं हो। वह हताश हो जाते हैं, जब वह सुमन कुमार नामक एक पायलट से शादी करना चुनती है, जो कि व्यभिचारी होने और अपने लालच के लिए जाना जाता है। जब वह शादी के लिये मना कर देते हैं, तो वह भाग जाती है। वह उसकी सुरक्षित वापसी के लिए विज्ञापन छपवाते हैं और उसको खोज कर वापस लाने वाले को सवा लाख रुपये का भुगतान करने की पेशकश करते हैं। जब वह चार दिन बाद वापस आती है तो वह अब वैसी नहीं थी। वह विनम्र, शांत और आदरकारी हो गई होती है। ऐसा क्यों होता है और कैसे होता है ???

गाने…

१. आजा सनम मधुर चाँदनी में
२. ये रात भीगी भीगी
३. पंछी बनूँ उड़ती फिरूँ
४. रसिक बलमा हाय दिल
५. मनभवन के घर जाए
६. ऑल लाइन क्लियर
७. जहाँ मैं जाती हूँ
८. उस पार साजन
९. सवा लाख की लॉटरी

समीक्षा…

चोरी चोरी फिल्म वर्ष १९३४ में आई एक क्लासिक फिल्म ‘इट हैपंड वन नाइट’ का हिंदी रूपांतरण है। इस फिल्म में राज कपूर और नरगिस ने एक दूसरे के साथ आखिरी बार अभिनय किया था। हर बार की तरह ही इस बार भी जब वे दोनों पर्दे पर आए तो उन्होंने निराश नहीं किया। फिल्म का स्क्रीनप्ले बेहतरीन है और क्लाइमेक्स भी अंत तक बांधे रखता है, साथ ही स्वर्गीय शंकर जयकिशन जी का सुंदर और मंत्रमुग्ध करने वाला संगीत मंत्रमुग्ध कर देता है।

अभिनय भी शानदार है, और हो भी क्यों ना आखिर राज कपूर और नरगिस की गतिशील जोड़ी कभी भी निराश नहीं करती। प्लेबॉय की भूमिका निभाने वाले प्राण हमेशा की तरह प्रभावशाली थे और भगवान दादा और जॉनी वॉकर की शानदार कॉमेडी भी शानदार है।

पचास के दशक की सर्वश्रेष्ठ रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्मों में से एक चोरी चोरी को एक बार हर किसी को अवश्य देखनी चाहिए।

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