November 22, 2024

“बीसीसीआई के लोगों ने अच्छा काम किया होता तो सुप्रीम कोर्ट को क्रिकेट में नहीं घुसना होता। हमारे देश में क्रिकेट एक धर्म है, उसकी सुरक्षा होना जरूरी है। मगर सुप्रीम कोर्ट के पास काफी तरह की बातें पहुंची हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जब मैं बीसीसीआई में गया तो बतौर नाइटवॉचमैन गया था। लेकिन २५ महीने से ही बैटिंग कर रहा हूं। मेरा काम है कि वहां चुनाव हो, लेकिन बीसीसीआई के ही कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं ताकि चुनाव ना हो और उनकी सीटें बच सकें।” चलिए एक और वाकया से आप को रूबरू कराता हूँ… “सीएजी का यह मूलभूत और नैतिक दायित्व है कि वह सरकार के कामकाज में दखल न देते हुए भी आर्थिक मामलों में पायी गयी अनियमितताएँ उसे बताये ताकि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों की रक्षा की जा सके और सरकार पर नियन्त्रण बना रहे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह देश की जनता के साथ विश्वासघात होगा।” ये बातें विनोद राय जी ने अलग अलग समय पर अलग अलग वाकयो के लिए जनता की जानकारी के लिए मीडिया से कही है।

विनोद राय जी का जन्म २३ मई १९४८ को उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जिले (मोहम्मदाबाद) में हुआ। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से अर्थशास्त्र में एम०ए० हैं इसके अतिरिक्त उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की उपाधि भी प्राप्त कर रखी है। १९७२ बैच के आई०ए०एस० अधिकारी रहे विनोद राय जी इससे पूर्व कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।जब वे भारत के ११वें नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक थे। इस पद पर वे ७ जनवरी २००८ से २२ मई २०१३ तक रहे थे। यूपीए सरकार द्वारा किये गये लाखों करोड़ रुपये के टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला एवं कोयला घोटाला की जांच कर सनसनीखेज रिपोर्टों के कारण वे चर्चा में आये थे और पूरी राजनीति के इकलौते दुश्मन बन गए थे। इनकी ईमानदारी, बेबाकी और कार्यशैली की वजह से ही सुप्रीम कोर्ट ने देश में होने वाली हर अनियमितता की जांच के लिए विनोद जी को ही नियुक्त करना चाहतीथी। बी.सी.सी.आई. में होने वाले अनियमितता एवं चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें ही प्रधान बना कर भेजा और इसके बाद क्या हुआ यह तो जगजाहिर है… देश में ईमानदारी का एक मूल्य चुकाना पड़ता है और आरोप प्रत्यारोप से गुजरना पड़ता है, मगर… स्वदेशे पूज्यते राजा,
विद्वान सर्वत्र पूज्यते। वे अपनी क़ाबिलियत के दम पर आज संयुक्त राष्ट्र के बाहरी लेखापरीक्षकों के अध्यक्ष हैं। ऐसे महान अर्थशास्त्री को, उनके जन्मदिन पर Ashwini Rai ‘अरुण’ का बारम्बार नमन।

धन्यवाद !

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