
आज अयोध्या में नया भोर है,
नए भोर का यह समारोह है।
हर हिंदू के हृदय पटल पर
आज उमड़ा उत्साह जोर है।।
आज राम को मिली स्वंत्रतता,
तीनों लोक हर्ष्या है
आज सिंधु से जो उठी हवा तो
कुसुम ने सुवास फैलाया है।।
वर्षों की आज टूटी समाधि,
आज देश की आत्मा जागी है।
न्याय, नीति का शासन होगा,
राम नाम उस ताले की चाभी है।।
अब कोई बाबरी मस्जिद नहीं,
अब होगा राम नाम का शासन।
लहराएगी अब गर्व पताका,
मिलेगा जब राघव को सिंहासन।।
यह बलिदानों की श्रद्धा है,
यह अपमानों का प्रतिशोध है।
कोटि-कोटि नमन बन्धुओं
यह नया दिन और नई भोर है।।
विद्यावाचस्पति अश्विनी राय अरुण