नई आशा जगाकर मन में किसको हो भरमाए तुम?...
कविता
जीवन की धमनियों में बहते प्रवाह को ही कविता कहते हैं।
बचपन में गाया करते थे जय कन्हैयालाल की मदन...
जी हां! मैंने देखा, उसे अपनी दूरबीन से...
डूबने के लिए तुमको बस गहरे पानी की जरूरत...
मेरे बच्चे! तुम जब बड़े हो जाना तो सुन...
वो कौन है? उसके पीछे कौन है? क्या...
जब कभी यह खिलते होंगे, चिड़ियन भी सब...
विषय : अनजान राहें लाख कठिन हो, मगर इस...
विषय : स्वर्णपदक मैं जीतना चाहता हूँ, अपने...