मोबाइल मेरी परछाई नहीं, मेरे कल के काल का...
कविता
जीवन की धमनियों में बहते प्रवाह को ही कविता कहते हैं।
मूल से मूल निकालोगे, तो क्या मूल्य तुम...
अगर बरसातें होती तो क्या बात होती अगर...
क्या खास है इसमें इक मीठी सी चुसकी...
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के तीन बार के प्रधानमन्त्री...
न जाने वो कहाँ चली गयी बिन उसके...
आज अयोध्या में नया भोर है, नए भोर...
कितने झंझावात आते, सबको उसने झेला था। जितने बाधा,...
UBI Contest ११६ शीर्षक : यदि दुनिया गुलाबी होती...