साहित्यिक प्रतियोगिता : १.८
विषय : अनकहे जज्बात
दिनाँक : ०८/११/१९

जज्बातों से आगे बढ़कर
जो सपने बुना करते हैं
सपनों के मोती चुन चुन
जो माला बना करते हैं

वह माला क्या है
उसकी पहचान क्या है

वह माला है
जय की विजय की
घर और परिवार की
देश की विदेश की
धरती और आकाश की
मान की सम्मान की
अपने होने ना होने
के जिद या अभिमान की

जिसने चाहा उसने पाया
मन को जिसने रमाया

मन से जो तैयार रहा करते हैं
सपने उनके ही पूरे हुआ करते हैं

विद्यावाचस्पति अश्विनी राय ‘अरूण’

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