एक भौतिक स्थान के रूप में ‘घर’ की परिभाषा वह मकान होती है, जहां शरण या आराम की मानसिक या भावनात्मक तृप्ति प्राप्त हो।
#घर
ये मेरा घर,
प्यारा घर,
मेरे बचपन का न्यारा घर,
ये मेरा घर।
बचपन गुजरी,
अल्हड़ गुजरी..
यहीं पे गुजरी कुल्हड़ वाली पानी।
आई जवानी…
अरे हां, रे हां! आई जवानी लिखने नई कहानी।
यहीं तो आई ये जवानी।
अपनो के संग लेके सपने क़ो संग लेके,
ये तो है मेरा घर,
जहां गुजरा बचपन आई जवानी।
मेरा प्यारा घर,
सपनो से सुंदर न्यारा घर।
ये मेरा घर।
घर वो है जो संस्कारों से पोषित हो, माँ की ममता भरे हांथ हो। पिता की छत्र छाया हो। भाई बहनो का जहां प्यार बरसता हो। जहां सुबह अलसाई और शाम नशीली हो। जहां खिलखिलाता शोर हो। जहां पायल की झूनझूनाहट और चूड़ियों की खनखनाहट का संगीत हो, और तूलतूलाहट भरे गीत हों। जहां रूठने मनाने का एक्शन हो तो कभी एक दूसरे क़ो चिढ़ाती कॉमेडी। जहां बाप का कड़क अंदाज हो तो माँ का प्यार भरा दुलार।
और क्या कहूँ, कुछ कुछ ऐसा हीं तो है मेरा घर। प्यारा घर, न्यारा घर! सपनों से भी प्यारा घर !
धन्यवाद !