जमाने के रंग जब जब बदले, तुम भी...
आओ कुछ बात करें अपने जहान की, हाँथ...
जिंदगी के टेढ़े-मेढ़े राहों से, एक शाम गुजरती...
प्रेम आखों कि ईनायत है वो दिल कि...
खिड़की से जब बाहर झांकता हूँ, यादे पास...
शादी वाली बात है, अजी हमारी शादी वाली...
प्रिय स्वयं को प्रिय के लिए संवारता है...
प्रिय स्वयं को प्रिय के लिए संवारता है...