नागपुर टाइम्स’ के संस्थापक, प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजक एवं कविश्रेष्ठ माखनलाल चतुर्वेदी जी के शिष्य अनंत गोपाल शेवड़े का जन्म वर्ष १९११ को हुआ था। वे हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार एवं लघुकथाकार थे। वर्ष १९७६ को प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन की आत्मा शेवड़े जी अपने-आप में एक संस्था थे। ये मराठी भाषी थे किंतु हिंदी में उन्होंने स्तरीय साहित्य सृजन किया। अनंत गोपाल शेवड़े के उपन्यास ‘ज्वालामुखी’ का भारत की १४ भाषाओं में अनुवाद कराया गया।
परिचय…
अनंत गोपाल शेवड़े का जन्म मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले के सौसर नामक स्थान पर हुआ था।अनंत गोपाल शेवड़े के नेतृत्व में प्रथम और द्वितीय विश्व हिन्दी सम्मेलन भव्य गरिमा के साथ संपन्न हुए। अनंत गोपाल शेवड़े का हिन्दी और अंग्रेज़ी पर उनका समान अधिकार था। राष्ट्रसेवी और आदर्शवादी शेवड़े जी की पत्नी यमूताई भी मराठी की प्रसिद्ध कहानी-लेखिका है।
अनंत गोपाल शेवड़े की शिक्षा अंग्रेज़ी से एमए रही। इनकी प्रसिद्ध उपन्यास ‘ज्वालामुखी’ का अनुवाद अंग्रेज़ी में अमरीका में छपा। अन्य भारतीय भाषाओं में उसे नेशनल बुक ट्रस्ट ने अनुवादित कराया। अनंत गोपाल शेवड़े के एक अन्य उपन्यास ‘मंगला’ को ब्रेल लिपि में भी प्रकाशित किया गया था। इनके ‘मृगजाल’ नामक उपन्यास पर उन्हें मध्य प्रदेश हिन्दी परिषद का सम्मान प्रदान किया गया। अनंत गोपाल शेवड़े की हृदय गति रुकने से कलकत्ता में मृत्यु हुई।
कृतियाँ…
उपन्यास
१. ईसाई बाला (1932)
२. निशा गीत (1947)
३. मृगजाल (1979)
४. पूर्णिमा (1952)
५. ज्वालामुखी (1956)
६. अमृत कुंभ (1977)
निबंध
१. तीसरी भूख (1953)