बीआर चोपड़ा जी की दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली महाभारत को कोई भला कैसे भूल सकता है। इस पौराणिक धारावाहिक को देखने के लिए पूरे देश में, जहां कहीं महाभारत चल रहा हो, कर्फ्यू सा माहौल बन जाता था। महाभारत का शायद ही ऐसा कोई किरदार हो जो उन दिनों घर-घर में लोकप्रिय ना हुआ हो और इन्हीं किरदारों में से एक किरदार है ‘गदाधारी भीम’ का। इस किरदार को प्रवीण कुमार सोबती ने निभाया था। यहां हम यह भी बताते चलें कि बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में आने से पूर्व प्रवीण अंतराष्ट्रीय खेल में देश का प्रतिनिधित्व भी कर चुके थे। वे उन दिनों डिस्कस थ्रोअर और हैमर के खिलाड़ी थे। प्रवीण कुमार सोबती ने एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स में जाकर इंडिया के लिये पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। साथ ही उन्होने दो बार ओलांपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था। अब विस्तार से…
परिचय…
प्रवीण कुमार सोबती उर्फ महाभारत के भीम सेन का जन्म ६ दिसंबर, १९४७ को पंजाब के सरहली कलां में हुआ था। भीमकाय शरीर के मालिक श्री प्रवीण कुमार सोबती जी का कद २.०५ मीटर एवं वज़न एक समय १२३ किलो तक था। शायद यही कारण रहा होगा कि चोपड़ा जी ने उन्हें अपनी महाभारत के भीम के लिए उनसे अच्छा पात्र कोई और नहीं लगा।
खेल…
श्री प्रवीण वर्ष १९६० और १९७० के दशक में भारतीय एथलेटिक्स के प्रमुख सितारे थे। उन्होंने कई वर्षों तक भारत की तरफ से हथौड़ा और चक्का फेंक खेलों पर अपना दबदबा कायम रखा था। उन्होंने वर्ष १९६६ और १९७० के एशियाई खेलों में चक्का फेंक में स्वर्ण पदक जीते, जिसमें एशियाई खेलों का रिकॉर्ड ५६.७६ मीटर का रहा। वह वर्ष १९६६ में किंग्स्टन में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में और वर्ष १९७४ में तेहरान में हुए एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता भी रहे। साथ ही उन्होंने वर्ष १९६८ के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और १९७२ के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भाग लिया था।
अभिनय…
प्रवीण कुमार की पहली फिल्म ‘रक्षा’ थी, जो एक जेम्स बॉन्ड शैली की भारतीय फिल्म थी, जिसमें जितेन्द्र ने अभिनय किया था। प्रवीण कुमार की शारीरिक बनावट इस तरह की थी, इसलिए उन्हें इसमें एक बड़े गुर्गे गोरिल्ला की भूमिका मिली थी। उन्होंने ‘मेरी आवाज सुनो’ में जितेन्द्र के खिलाफ लड़ने वाले जस्टिन की भूमिका निभाई थी। इन छोटे छोटे से किरदारों से उनकी कोई खास पहचान नहीं बन पा रही थी। उनकी असली पहचान तब बनी जब उन्होंने बी.आर. चोपड़ा की लोकप्रिय पौराणिक धारावाहिक महाभारत में “भीम” की भूमिका मिली, जिससे वह हर एक घर के प्रिय हो गए। जिनको देखना हर बार दर्शकों को रोमांचित कर जाता था। इतना ही नहीं प्रवीण कुमार ने ९० के दशक की प्रसिद्ध कार्टून सीरीज चाचा चौधरी के कई एपिसोड में “साबू” की भूमिका भी निभाई थी। महाभारत जैसे उच्च स्तरीय धारावाहिक के बाद, श्री प्रवीण कुमार को हिंदी और क्षेत्रीय फिल्मों में कई भूमिकाएँ मिलीं, हालाँकि वे उतने सफल नहीं हुए, या यूं कहें तो उस समय के निर्माताओं के पास उनके लायक कोई किरदार गढ़े ही नहीं गए। अतः अंत में उन्होंने अपने अभिनय में धीरे धीरे कटौती करना शुरू कर हरियाणा और दिल्ली में नई पारी खेलने की तैयारी शुरू कर दी।
राजनीति…
उनकी नई पारी का नाम था राजनीति। वर्ष २०१३ में प्रवीण कुमार आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए। उन्होंने आप के टिकट पर वजीरपुर निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बदकिस्मती, वे हार गए। अगले साल, वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।
अपनी बात…
महाभारत जैसी ब्लॉकबस्टर पौराणिक धारावाहिक के अलावा रक्षा, गजब, हमसे है जमाना, हम हैं लाजवाब, जागीर, युद्ध, सिंहासन, नामोनिशान, खुदगर्ज, लोहा, दिलजला, शहंशाह, कमांडो, मालामाल, अग्नि, बीस साल बाद, प्यार मोहब्बत, इलाका, एलान-ए-जंग, आज का अर्जुन, नाकाबंदी, बेटा हो तो ऐसा जैसी फिल्मों में काम करने वाले प्रवीण कुमार को खेल की बदौलत सीमा सुरक्षा बल (BSF) में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी मिल गई थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। वर्ष १९८६ में उनके एक दिन पंजाबी दोस्त ने उनसे आकर बताया कि बीआर चोपड़ा साहब महाभारत बना रहे हैं और वो भीम के किरदार के लिए एक ताकतवर बंदा ढूंढ रहे हैं। वो चाहते हैं कि तुम एक बार उनसे आकर मिलो। इसके बाद वर्ष १९८८ तक तकरीबन ३० फिल्मों में काम करने के बाद प्रवीण कुमार बीआर चोपड़ा से मिले और फिर तय हो गया कि महाभारत में भीम का किरदार प्रवीण कुमार सोबती ही करेंगे। वे इससे इतने प्रसिद्ध हुए कि स्वयं प्रवीण कुमार अपने कई इंटरव्यू में बता चुके हैं कि उन्हें कई दफा लोगों ने बस, ट्रेन और जहाज में सफर करते हुए घेर लिया।
और अंत में…
७ फरवरी, २०२२ को ७४ वर्ष की आयु में निधन से पूर्व श्री प्रवीण कुमार सोबती जी मुश्किलों में अपनी जिंदगी गुजार रहे थे। उन्होंने बीते दिनों जीवन यापन के लिए सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी…