March 28, 2024

काशी प्राचीन काल से ही विद्या और शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम प्रचारक और केन्द्रीय संस्था के रूप में स्थापित था। लोग यहाँ दर्शन शास्त्र, संस्कृत, खगोल शास्त्र, सामाजिक ज्ञान एवं धार्मिक शिक्षा आदि के ज्ञान के लिये आते रहे हैं। भारतीय परंपरा में काशी को सर्वविद्या की राजधानी कहा गया है। आज वाराणसी की शिक्षा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ़ सैकेंडरी एजुकेशन, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या उत्तरप्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से सहबद्ध हैं। हिन्दू शिक्षा पद्धति के अलावा यहां एक जामिया सलाफ़िया भी है, जो सलाफ़ी इस्लामी शिक्षा का केन्द्र है।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय…

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, यानी बी.एच.यू. वाराणसी में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष १९१५ में पं. मदनमोहन मालवीय जी ने की थी।

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय…

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना १७९१ ई. में भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड कॉर्नवॉलिस ने की थी। स्थापना के समय वाराणसी का यह प्रथम महाविद्यालय था। जे म्योर, आई.सी.एस इस महाविद्यालय के प्रथम प्रधानाचार्य, संस्कृत प्राध्यापक थे।

महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ…

महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी का एक मानित राजपत्रित विश्वविद्यालय है। इस विद्यापीठ का नाम भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नाम पर है। इस विद्यापीठ में गाँधी जी के सिद्धांतों का पालन किया जाता है।

केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान…

केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान सारनाथ में स्थित है। यहाँ पर परंपरागत तिब्बती पठन-पाठन को आधुनिक शिक्षा के साथ वरीयता दी जाती है।

उदय प्रताप महाविद्यालय…

उदय प्रताप महाविद्यालय एक स्वायत्त महाविद्यालय है। यह संस्थान आधुनिक बनारस के उपनगरीय छात्रों हेतु क्रीड़ा एवं विज्ञान का केन्द्र है।

इनके अलावा वाराणसी में बहुत से निजी एवं सार्वजनिक संस्थान है, जहाँ हिन्दू धार्मिक शिक्षा की व्यवस्था है। इन विश्वविद्यालयों के अलावा शहर में कई स्नातकोत्तर एवं स्नातक महाविद्यालय भी हैं, जैसे; अग्रसेन डिग्री कॉलेज, हरिशचंद्र डिग्री कॉलेज, आर्य महिला डिग्री कॉलेज एवं स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट आदि।

 

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1 thought on “काशी : विद्या और शिक्षा का केंद्र

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