दोस्तों मैं कोई आर्थिक जानकार नहीं हूँ और नाहीं कोई स्वास्थ्य विशेषज्ञ

लेकिन ध्यान देने योग्य यह बात है की, पहले तो मुझे कोरोना वायरस जैविक लड़ाई की तैयारी की कोई दुर्घटना जान पड़ी थी, मगर मुझे अब तक के आंकड़ो से यह अंदाजा साफ हो गया है की यह दुर्घटना महज एक चाल थी। आप सोच रहे होंगे कैसे? ? ? ये हैं कुछ विश्व के बड़े और विकसित देश और उनकी आर्थिक राजधानियाँ…

संयुक्त राज्य अमेरिका (न्यूयार्क)
यूनाइटेड किंगडम (लंदन)
हांगकांग (हांगकांग)
सिंगापुर (सिंगापुर)
चीन (शंघाई,बीजिंग)
जापान (टोक्यो)
कनाडा (टोरंटो)
स्विट्जरलैंड (ज़्यूरिख़)
जर्मनी (फ्रैंकफर्ट)
इटली

भारत (बम्बई, दिल्ली) आदि देश और उनके शहर। इसमें आप एक खास बात देखेंगे की चीन में शुरू हुआ वायरस पूरे विश्व के आर्थिक बाजारो को लौक डाउन कर चुका है, मगर चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई और बीजिंग अब भी अपनी मुस्तैदी से खड़े हैं और वायरस के एक दो केस के अलावा अभी तक पूरी तरह सुरक्षित है। जानकारी के लिए, कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से निकलकर पूरे विश्व को अपने चपेट में ले चुका है मगर वुहान के नजदीक बीजिंग और शंघाई तक नहीं पहुंचा.. आखिर क्यों ? ?

चीन अपनी नियत के लिए जाना जाता है, उसके यहाँ मानवाधिकार आयोग नहीं है अतः उसे अपने लोगों अथवा यूँ कहें बेकाम लोगों को मारने में कोई संकोच नहीं है। आखिर बादशाहत हासिल करने के लिए प्यादो को दाव पर लगाना ही पड़ता है। हो सकता है की चीन एंटीडोट पहले ही बना चुका हो…और एक बड़ी तबाही के बाद बड़े धन्दे की फिराक में हो। अथवा कोई और मंशा हो।

जो भी हो मगर यह कोई बड़ी साजिश जान पड़ती है… भगवान करें की मेरी यह शंका गलत हो।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *