May 17, 2024

नवदुर्गा सनातन धर्म में भगवती माता दुर्गा जिन्हे आदिशक्ति जगत जननी जगदम्बा भी कहा जाता है, भगवती के नौ मुख्य रूप है जिनकी विशेष पूजा व साधना नवरात्रि के दौरान और वैसे भी विशेष रूप से करी जाती है। इन नवों/नौ दुर्गा देवियों को पापों की विनाशिनी कहा जाता है, हर देवी के अलग अलग वाहन हैं, अस्त्र शस्त्र हैं परन्तु यह सब एक हैं और सभी परम भगवती दुर्गा जी से ही प्रकट होती है।

 

दुर्गा सप्तशती ग्रन्थ…

दुर्गा सप्तशती ग्रन्थ के अन्तर्गत देवी कवच स्तोत्र में निम्नाङ्कित श्लोक में नवदुर्गा के नाम क्रमश: दिये गए हैं–

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।

तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।

पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।

सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।

नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।

उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।।

 

अस्त्र…

त्रिशूल, शङ्ख, तलवार, चक्र, अभय, अग्नि, परशु, भाला, पाश, वज्र, माला, कमण्डल, रस्सी, गदा, धनुष-बाण और कमल

 

दुर्गा के 108 नाम…

1. सती : अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली

2. साध्वी : आशावादी

3. भवप्रीता : भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली

4. भवानी : ब्रह्मांड की निवास

5. भवमोचनी : संसार बंधनों से मुक्त करने वाली

6. आर्या : देवी

7. दुर्गा : देवी

8. जया : विजयी

9. आद्या : शुरूआत की वास्तविकता

10. त्रिनेत्र : तीन आँखों वाली

11. शूलधारिणी : शूल धारण करने वाली

12. पिनाकधारिणी करने वाली

13. चित्रा : सुरम्य, सुन्दर

14. चंद्रघण्टा : प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली

15. महातपा : भारी तपस्या करने वाली

16. मन : मनन- शक्ति

17. बुद्धि : सर्वज्ञाता

18. अहंकारा : अभिमान करने वाली

19. चित्तरूपा : वह जो सोच की अवस्था में है

20. चिता : मृत्युशय्या

21. चिति : चेतना

22. सर्वमन्त्रमयी : सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली

23. सत्ता : सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है

24. सत्यानन्दस्वरूपिणी : अनन्त आनंद का रूप

25. अनन्ता : जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं

26. भाविनी : सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत

27. भाव्या : भावना एवं ध्यान करने योग्य

28. भव्या : कल्याणरूपा, भव्यता के साथ

29. अभव्या : जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं

30. सदागति : हमेशा गति में, मोक्ष दान

31. शाम्भवी : शिवप्रिया, शंभू की पत्नी

32. देवमाता : देवगण की माता

33. चिन्ता : चिन्ता

34. रत्नप्रिया : गहने से प्यार

35. सर्वविद्या : ज्ञान का निवास

36. दक्षकन्या : दक्ष की बेटी

37. दक्षयज्ञविनाशिनी : दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली

38. अपर्णा : तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली

39. अनेकवर्णा : अनेक रंगों वाली

40. पाटला : लाल रंग वाली

41. पाटलावती : गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली

42. पट्टाम्बरपरीधाना : रेशमी वस्त्र पहनने वाली

43. कलामंजीरारंजिनी : पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली

44. अमेय : जिसकी कोई सीमा नहीं

45. विक्रमा : असीम पराक्रमी

46. क्रूरा : दैत्यों के प्रति कठोर

47. सुन्दरी : सुंदर रूप वाली

48. सुरसुन्दरी : अत्यंत सुंदर

49. वनदुर्गा : जंगलों की देवी, बनशंकरी अथवा शाकम्भरी

50. मातंगी : मतंगा की देवी

51. मातंगमुनिपूजिता : बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय

52. ब्राह्मी : भगवान ब्रह्मा की शक्ति

53. माहेश्वरी : प्रभु शिव की शक्ति

54. इंद्री : इन्द्र की शक्ति

55. कौमारी : किशोरी

56. वैष्णवी : अजेय

57. चामुण्डा : चंड और मुंड का नाश करने वाली

58. वाराही : वराह पर सवार होने वाली

59. लक्ष्मी : सौभाग्य की देवी

60. पुरुषाकृति : वह जो पुरुष धारण कर ले

61. विमिलौत्त्कार्शिनी : आनन्द प्रदान करने वाली

62. ज्ञाना : ज्ञान से भरी हुई

63. क्रिया : हर कार्य में होने वाली

64. नित्या : अनन्त

65. बुद्धिदा : ज्ञान देने वाली

66. बहुला : विभिन्न रूपों वाली

67. बहुलप्रेमा : सर्व प्रिय

68. सर्ववाहनवाहना : सभी वाहन पर विराजमान होने वाली

69. निशुम्भशुम्भहननी : शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली

70. महिषासुरमर्दिनि : महिषासुर का वध करने वाली

71. मधुकैटभहंत्री : मधु व कैटभ का नाश करने वाली

72. चण्डमुण्ड विनाशिनि : चंड और मुंड का नाश करने वाली

73. सर्वासुरविनाशा : सभी राक्षसों का नाश करने वाली

74. सर्वदानवघातिनी : संहार के लिए शक्ति रखने वाली

75. सर्वशास्त्रमयी : सभी सिद्धांतों में निपुण

76. सत्या : सच्चाई

77. सर्वास्त्रधारिणी : सभी हथियारों को धारण करने वाली

78. अनेकशस्त्रहस्ता : हाथों में कई हथियार धारण करने वाली

79. अनेकास्त्रधारिणी : अनेक हथियारों को धारण करने वाली

80. कुमारी : सुंदर किशोरी

81. एककन्या : कन्या

82. कैशोरी : जवान लड़की

83. युवती : नारी

84. यति : तपस्वी

85. अप्रौढा : जो कभी पुराना ना हो

86. प्रौढा : जो पुराना है

87. वृद्धमाता : शिथिल

88. बलप्रदा : शक्ति देने वाली

89. महोदरी : ब्रह्मांड को संभालने वाली

90. मुक्तकेशी : खुले बाल वाली

91. घोररूपा : एक भयंकर दृष्टिकोण वाली

92. महाबला : अपार शक्ति वाली

93. अग्निज्वाला : मार्मिक आग की तरह

94. रौद्रमुखी : विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा

95. कालरात्रि : काले रंग वाली

96. तपस्विनी : तपस्या में लगे हुए

97. नारायणी : भगवान नारायण की विनाशकारी रूप

98. भद्रकाली : काली का भयंकर रूप

99. विष्णुमाया : भगवान विष्णु की माया

100. जलोदरी : ब्रह्मांड में निवास करने वाली

101. शिवदूती : भगवान शिव की राजदूत

102. करली : हिंसक

103. अनन्ता : विनाश रहित

104. परमेश्वरी : प्रथम देवी

105. कात्यायनी : ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय

106. सावित्री : सूर्य की बेटी

107. प्रत्यक्षा : वास्तविक

108. ब्रह्मवादिनी : वर्तमान में हर जगह वास करने वाली

सती दुर्गा जी एक नाम है। दक्ष ने अपने यज्ञ में सभी देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन शिव और सती को आमंत्रण नहीं दिया। इससे क्रुद्ध होकर, अपमान का प्रतिकार करने के लिए इन्होंने उग्रचंडी के रूप में अपने पिता के यज्ञ का विध्वंस किया था। इनके हाथों की संख्या 18 मानी जाती है। आश्विन महीने में कृष्णपक्ष की नवमी दिन शाक्तमतावलंबी विशेष रूप से उग्रचंडी की पूजा करते हैं।

 

मंत्र…

१. ॐ श्री दुर्गायै नमः

२. ॐ सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके सारण्ये त्र्यमबिके गौरी नारायणी नमोस्तुते

३. ॐ सर्वस्वरूपे सर्वेसे सर्वशक्ति समन्विते भये भयस्त्रही नौ देवी दुर्गे देवि नमोस्तुते

 

नौदुर्गा

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