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आज २५ दिसंबर है, पूरे विश्व का एक विशेष और प्रतिष्ठित दिन…

आज ही क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। क्रिसमस से १२ दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, ७ से २ ई.पू. के बीच हुआ था। वैसे तो २५ दिसम्बर यीशु मसीह के जन्म की कोई ज्ञात वास्तविक जन्म तिथि नहीं है।लेकिन लगता है कि इस तिथि को एक रोमन पर्व या मकर संक्रांति (शीत अयनांत) से संबंध स्थापित करने के आधार पर ही इसे चुना गया होगा। क्रिसमस तो वैसे ईसाई समुदाय का त्यौहार है लेकिन अब इसे गैर ईसाई समुदाय के लोग भी धूमधाम से मनाते हैं।

आज ही पंडित महामना मदन मोहन मालवीय जी का भी जन्मदिन है। वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रणेता तो थे ही इस युग के आदर्श पुरुष भी थे। वे भारत के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे जिन्हें महामना की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया। पत्रकारिता, वकालत, समाज सुधार, मातृ भाषा तथा भारतमाता की सेवा में अपना जीवन अर्पण करने वाले इस महामानव ने जिस विश्वविद्यालय की स्थापना की उसमें उनकी परिकल्पना ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षित करके देश सेवा के लिये तैयार करने की थी जो देश का मस्तक गौरव से ऊँचा कर सकें।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था। वे भारत के दसवें प्रधानमंत्री थे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। अटल जी भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और १९६८ से १९७३ तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्‍ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।

रामकृष्ण यादव यानी वर्तमान भारतीय योग-गुरु, जिन्हें हम स्वामी रामदेव के नाम से जानते हैं। आज के दिन जन्में बाबा रामदेव जी ने योगासन व प्राणायामयोग के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है। रामदेव जी जगह-जगह स्वयं जाकर योग-शिविरों का आयोजन करते हैं, जिनमें प्राय: हर सम्प्रदाय के लोग आते हैं। रामदेव जी अब तक देश-विदेश के करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योग सिखा चुके हैं।

मेरे आदर्श एवं महान लेखक डॉ. धर्मवीर भारती जी का जन्म आज ही के दिन हुआ है। वे आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। वे प्रख्यात साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक भी थे। डॉ धर्मवीर भारती को १९७२ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनका उपन्यास गुनाहों का देवता सदाबहार रचना मानी जाती है। सूरज का सातवां घोड़ा को कहानी कहने का अनुपम प्रयोग माना जाता है, जिस पर श्याम बेनेगल ने इसी नाम की फिल्म बनायी, अंधा युग उनकी प्रसिद्ध नाटक है।। इब्राहीम अलकाजी, राम गोपाल बजाज, अरविन्द गौड़, रतन थियम, एम के रैना, मोहन महर्षि और कई अन्य भारतीय रंगमंच निर्देशकों ने इसका मंचन किया है।

आज ही गंगानाथ झा जी का भी जन्मदिन है, वे संस्कृत, हिन्दी, मैथिली एवं अंग्रेजी के प्रकांड विद्वान एवं शिक्षाशास्त्री थे। वे हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति भी हुए। उनके अनेक स्मारकों में से एक इलाहाबाद विश्वविद्यालय का ‘गंगानाथ झा रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (जो १७ नवम्बर १९४३ को स्थापित हुआ था) प्रमुख है।

इन सब से अलग, स्वंय मेरे, मेरे बच्चों एवं मेरे परिवार के लिए भी आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। आज ही के दिन यानी २५ दिसंबर को मेरे बच्चों की माँ और मेरी अर्धांगिनी श्रीमती अनीता राय का भी जन्मदिन है। अतः विश्व पटल पर आज का यह विशेष दिन हमारे परिवार के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण बन जाता है।

धन्यवाद !🙂

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