
विषय : प्रभाव
दिनाँक : १७/०१/२०२०
पुरुषार्थ के सामर्थ्य में
शक्ति के शब्दार्थ में
जो भाव है वही प्रभाव है
बुद्धि और बल में
चारित्रिक संबल में
अलंकार का प्रभाव है
जहाँ है ग्रहों का विशिष्ट स्थान
पड़ता अच्छा या बुरा परिणाम
यह प्रभाव का ही है प्रमाण है
कार्य के परिणाम से
नैतिकता के आयाम पर
साधुता का ही प्रभाव है
आसन हो या हो सिंहासन
शासन हो अथवा प्रशासन
इनका ही जनता पर प्रभाव है
व्यक्तितत्व के अस्तित्व में
प्रकृत के प्रभुत्व में
भाव का ही प्रभाव है
जो पुरुषार्थी होते हैं
वो असरदार होते है
वही प्रभावित करते हैं
अश्विनी राय ‘अरूण’