गांधारी गम के सागर में डूबी, अपने दूध को, अपनों के रक्त में...
कविता
कुछ ना कहकर सब कुछ कह जाने की कला ही कविता है
UBI Contest – 110 ईंट और पत्थरों के बीच, एक अद्वितीय संगम है।...
मेरा लक्ष्य पैसा है, पता नहीं ! मेरा लक्ष्य अध्यात्म है, यह...
मैंने कहा, जाती हुई उम्र से… ‘जरा ठहरो ना’ उसने कहा, मैं उम्र हूं!...
कभी बचपन के पास से गुजर कर देखो बचपना आ जाएगा। कभी पचपन के...
#UBI_contest_111 #कविता विषय : आम का अचार आम का अचार बनाते हैं, आओ खाते...
आज की कविता है, बेटियां तितली नहीं हैं! इस कविता के रचनाकार हैं,...
शिवाय नमः, शंकराय नमः, जगदीश्वराय नमः, महेश्वराय नमः। नीलकंठाय, त्रिपुरान्तकाय, भोलेनाथाय मृडाय, हर...
छोटा सा नन्हा सा वो पोस्टकार्ड ना जाने कहां खो गया या फिर बच्चों...