विषय – अनुभव
विधा – पद्य
जिंदगी ने जो सबक दिए
वो सबको सीखा दूँगा
उसने जो खुशी दी उसे सुना दूँगा
गमों के दौर से वो भी अन्जान
मैं भी अन्जान था
मगर मेरे हाथ पकड़े वो खड़ा रहा
यह भी सभी को सुना दूँगा
जिंदगी ने जो सबक दिए
वो सबको सीखा दूँगा
इच्छाशक्ति जगाने को
गमों का दौर भी जरूरी है
उठापटक भरी दुपहरी का
हिसाब लगाना भी जरूरी है
खुशी के पल में क्या खोया
दुःखी होकर क्या पाया
उल्टी गंगा बहाना भी जरूरी है
यह हिसाब भी सबको दिखा दूँगा
जिंदगी ने जो सबक दिए
वो सबको सीखा दूँगा
नई दुनिया बनाना हो या
बसाना, तुम वो सब कर लेना
दुःख की उमर कम होती है
तुम भी भावी को बता देना
हर बात सुनो यह जरूरी तो नहीं
मगर चुप हो कुछ सुन लोगे
मेरे अनुभव से कुछ सीख लोगे
भरी दुपहरी में तुम भी जी लोगे
यह जान खुशी से मैं मर लूँगा
जिंदगी ने जो सबक दिए
वो सब सीखा कर चल दूँगा
अश्विनी राय ‘अरूण’