October 30, 2024

विषय : साहस
दिनाँक : २१/०१/२०२०

आईए कुछ बात करते हैं,
साहस पे विचार करते हैं।
साहस, निर्भीकता, पराक्रम
को जानने का प्रयत्न करते हैं॥

साहसी की महत्वपूर्ण पहचान,
डर का अनुभव होना है।
विजय तिलक लगाने को,
डर से लड़कर आगे बढ़ना है॥

साहसी की दूसरी पहचान है,
अपने दिल की बातें सुनना।
दिल और दिमाग में हो द्वंद,
जो दिल कहे वही करना॥

साहस की तीसरी पहचान है,
मुश्किलों में सदा डटे रहना।
विजय पताका फहराने को,
मुश्किलो से कभी ना घबराना॥

सच के साथ खड़े होना ही,
साहसी की चौथी पहचान है।
सच और सच्चाई के साथ,
जो खड़ा रहता वही इंसान है॥

युवा होना जरूरी तो नहीं,
युवा जोश पांचवी पहचान है।
अस्सी बरस में जोश जागे,
ऐसे वीर कुंवर सिंह प्रमाण हैं॥

कष्ट झेलकर ही एक दिन,
व्यक्ति पाता सम्मान है।
गरिमा, आस्था को भी ना छोड़े,
साहसी बनता एक दिन महान है॥

अश्विनी राय ‘अरूण’

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