पर्यावरण सुरक्षा समिति, बक्सर
आज पर्यावरण दिवस के अवसर पर , सरस्वती पुस्तकालय बक्सर में पर्यावरण सुरक्षा समिति की बैठक हुई । जिले के जाने माने बुद्धिजीवी , विद्यजन एवं जाने माने सहित्यकार उपस्थिति थे ।
जल संचयन …मृदा , नदियों की सुरक्षा , से लेकर प्लास्टिक तक पर बारी बारी से सभी ने अपने राय रखे ।
किसी ने छत पर तुलसी लगाने की सलाह दी …तो किसी ने अपने घर के सामने पेड़ लगाने की ।
अच्छी बात है …होना भी चहिये ।
कोई समिति के गठन की बात करता है …कोई सिर्फ राजनीति करता फिर रहा ।
अरे भाई कोई तो , मेरी तरह फोटो भी खींचना चाहता है ।
किसी ने तो यहां तक कहा …AC लगाना ही खराब है, जिससे xyz गैस निकलता है जिसके कारन वातवरण गरम हो रहा है ।
आज कई जगह पौधे भी लगाये गये …यह सिर्फ कोरम था या वो पौधा कभी पेड़ भी बनेगा ? कोई उसे पानी देगा , या कोई उसका हाल चाल भी लेगा ।
रचना भी लिखी जायेगी …कविता पढ़ी जायेगी ….अखबार में चित्र भी छपेगा …नाम भी आयेगा.. मिठाइयाँ …तालियां …. हो गया पर्यावरण सुरक्षित , बच गया जीवन ॥
हम कल सब्जी लेने जायेंगे …प्लास्टिक लेंगे …और वो नाली में…बोतल का पानी …और एक रन बना । आपने पौधा लगाया …दूसरे दिन सुबह वो किसी के दांत धोने के काम आ गया ….और ये चार रन । धरती में गड्ढा किया पौधे के लिये ..कल लगायेंगे , और पुराने मकान के कंक्रीट से भर दिया जैसे अपना जीवन दफना दिया ॥ रन पर रन बने जा रहे हैं ।
कचरा साफ करो और पड़ोस में डाल दो , आप पूछिये कैसे ? हमने कचरा साफ किया और डाल दिया कचरे के डब्बे में …वहां से नगर पालिका की गाड़ी ले गई …कहाँ फेंका पता है …नहीं न। शहर के बाहर किसी गड्ढे में जो अब पहाड़ का स्वरूप ले रहा है । जब ज्यादा बड़ा होगा …कोई और जगह …फिर कोई और जगह । धरती तो धरती है न …चाहे यहां फैलओ या वहां ..धीरे धीरे उसका विष फैलता ही जायेगा ॥
विश्व के बड़े देशों में कचरा प्रबंधन पर कॉलेजो में पढ़ाई होती है …अलग बजट बनता है ….रीसायकल होता है …बिजली बनते हैं …खाद बनते हैं ॥ हमारी तरह सिर्फ दिवस नहीं मनाये जाते …बड़े बड़े वादे नहीं किये जाते … कसमें नही खाये जाते ॥
जो होता है वो दिखता है ॥ ॥
बाकी लड़ाई बाद में …चलो सो जाते हैं ॥