December 3, 2024

UBI Contest १००

अर्धशतक को पार कर चुके

वो शतक की आस लगा चुके हैं

उन्हें अब भी जवानी का दंभ है

जो पेशानी को विकेट बना चुके हैं

हर कोई शतक कहां लगाता है

हर कोई लंबी पारी कहां खेलता है

यह जानते हुए भी वो ठगनी को

ठगने का जाल बिछा चुके हैं

हर कदम पर अब शक्ति घटती है

फिर भी साहस बढ़ती जाती है

वो जीतेगा या मैं जीतूंगा, शायद

इसका अंदाजा वो लगा चुके हैं

बार बार बाहर निकलने की

उन्हें बुरी आदत लगी हुई है

हर बॉल पर चौका या छक्का

मारने की उन्हें लालच लगी हुई है

जो पहले गलती कर गए हैं

उनकी पारी को क्यूं नहीं देखते

बुढ़ापे में बदल चुकी, अपनी

भरी जवानी को क्यूं नहीं देखते

वो आज भी खेलना चाहते थे

नव जवानों को दबाना चाहते थे

एक आसान सी बॉल पर, जो

अपनी कीमती विकेट गंवा चुके हैं

विद्यावाचस्पति अश्विनी राय ‘अरुण’

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