आचार्य रामलोचन सरन

आपने भी शायद, शायद क्या निश्चित ही मनोहर पोथी का नाम सुना ही होगा। जी हां! वही मनोहर पोथी जिससे नौसिखियों को कभी हिन्दी सिखाया जाता था। मनोहर पोथी का शुद्ध और पूरा नाम मनोहर बाल पोथी है। आज हम इसी पुस्तिका के प्रकाशक एवम पुस्तक भंडार प्रकाशन के संस्थापक आचार्य रामलोचन सरन जी के बारे में बात करेंगे। जिससे उन्होंने बालक पत्रिका, हिमालय पत्रिका, होनहार पत्रिका को भी प्रकाशित किया। अब विस्तार से…

परिचय…

आचार्य रामलोचन सरन का जन्म ११ फरवरी, १८८९ को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हुआ था। वे साहित्यकार, व्याकरणविद् और प्रकाशक थे। उन्होंने वर्ष १९१५ में लहेरियासराय, उत्तरी बिहार में और पटना में पुस्तक भंडार की स्थापना की, जिसने लहेरियासराय जैसे अल्पज्ञात स्थान को भारतीय प्रकाशन में प्रमुख बना दिया। उन्होंने वर्ष १९२९ में अपनी प्रकाशन गतिविधियों को पटना में स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने सबसे पहले मैथिली लिपि में मैथिली पुस्तकों की छपाई शुरू की।

प्रकाशन…

आचार्य रामलोचन सरन जी ने वर्ष १९२६ से १९८६ तक बालक पत्रिका, वर्ष १९४६ से १९४८ तक हिमालय और वर्ष १९३९ में हिंदी और उर्दू में होनहर जैसी कई पत्रिकाओं की भी स्थापना की। अपने प्रकाशन प्रयासों के माध्यम से उन्होंने रामवृक्ष बेनीपुरी, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, आचार्य शिवपूजन सहाय जैसे कई अन्य हिंदी और मैथिली साहित्यकारों को प्रोत्साहित किया। आचार्य रामलोचन सरन ने एक दशक से अधिक समय तक काम के माध्यम से अपनी प्रतिभा को विकसित करने के लिए कलाकार उपेंद्र महर्थी को निर्देशित किया। वह बिहार के युवा लेखकों को प्रोत्साहित करने में अग्रणी थे और उन्होंने अपने संपादन के माध्यम से हिंदी भाषा का मानकीकरण किया। उनके हिंदी प्राइमर मनोहर पोथी अभी भी शुरुआती लोगों को हिंदी वर्णमाला सिखाने का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रयास है। आचार्य रामलोचन सरन ने सच्चिदानंद सिन्हा की कुछ प्रख्यात बिहार समकालीन पुस्तकें, महात्मा गांधी की पुस्तकें और अन्य गांधीवादी साहित्य हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित किए। उन्होंने डॉ. काली दास नाग द्वारा लिखित टॉल्स्टॉय एंड गांधी को अंग्रेजी में प्रकाशित किया। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित सभी पुस्तकों का उनका क्लासिक मैथिली प्रतिपादन अद्वितीय है। उन्होंने तुलसीदास द्वारा रामचरितमानस पर चार खंडों में सिद्धांत भाष्य का संपादन और प्रकाशन किया, जो आध्यात्मिक साहित्य में स्थायी योगदान है।

विरासत…

इनके प्रयासों के कारण भारतीय सभ्यता पर पंचांग और अन्य प्रेरक पुस्तकों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया गया था। आचार्य रामलोचन सरन जी नियमित रूप से संत, कलाकार, कवि, दार्शनिक, सामाजिक कार्यकर्ता शिक्षाविद, नीति नियोजक और क्षेत्र के नौकरशाहों की मेजबानी कर रहे थे। दरभंगा राज के राजा और उनकी रानी ने सार्वजनिक रूप से शहर में उनके योगदान और बुद्धिजीवियों, रचनात्मक कलाकारों, लेखक, कवियों और आध्यात्मिक लोगों के विकास के लिए उत्प्रेरक होने के लिए सम्मानित किया।

अंत में…

१४ मई, १९७१ को बिहार के दरभंगा में उनकी मृत्यु पर भारत के तात्कालिक राष्ट्रपति वी.वी. गिरी ने आचार्य जी की बाल साहित्य की सेवा के बारे में उल्लेख किया- जिसने आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरित किया और आगे भी करते रहेंगे। प्रख्यात अंग्रेजी दैनिक इंडियन नेशन ने अपने संपादकीय में लिखा…

“यदि रामलोचन सरन का जन्म बिहार में नहीं होता तो हिंदी साहित्य की प्रगति में एक या दो दशक की देरी हो जाती।”

अश्विनी राय
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माताजी :- श्रीमती इंदु राय पिताजी :- श्री गिरिजा राय पता :- ग्राम - मांगोडेहरी, डाक- खीरी, जिला - बक्सर (बिहार) पिन - ८०२१२८ शिक्षा :- वाणिज्य स्नातक, एम.ए. संप्रत्ति :- किसान, लेखक पुस्तकें :- १. एकल प्रकाशित पुस्तक... बिहार - एक आईने की नजर से प्रकाशन के इंतजार में... ये उन दिनों की बात है, आर्यन, राम मंदिर, आपातकाल, जीवननामा - 12 खंड, दक्षिण भारत की यात्रा, महाभारत- वैज्ञानिक शोध, आदि। २. प्रकाशित साझा संग्रह... पेनिंग थॉट्स, अंजुली रंग भरी, ब्लौस्सौम ऑफ वर्ड्स, उजेस, हिन्दी साहित्य और राष्ट्रवाद, गंगा गीत माला (भोजपुरी), राम कथा के विविध आयाम, अलविदा कोरोना, एकाक्ष आदि। साथ ही पत्र पत्रिकाओं, ब्लॉग आदि में लिखना। सम्मान/पुरस्कार :- १. सितम्बर, २०१८ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्व भर के विद्वतजनों के साथ तीन दिनों तक चलने वाले साहित्योत्त्सव में सम्मान। २. २५ नवम्बर २०१८ को The Indian Awaz 100 inspiring authors of India की तरफ से सम्मानित। ३. २६ जनवरी, २०१९ को The Sprit Mania के द्वारा सम्मानित। ४. ०३ फरवरी, २०१९, Literoma Publishing Services की तरफ से हिन्दी के विकास के लिए सम्मानित। ५. १८ फरवरी २०१९, भोजपुरी विकास न्यास द्वारा सम्मानित। ६. ३१ मार्च, २०१९, स्वामी विवेकानन्द एक्सिलेन्सि अवार्ड (खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार), कोलकाता। ७. २३ नवंबर, २०१९ को अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, अयोध्या, उत्तरप्रदेश एवं साहित्य संचय फाउंडेशन, दिल्ली के साझा आयोजन में सम्मानित। ८. The Spirit Mania द्वारा TSM POPULAR AUTHOR AWARD 2K19 के लिए सम्मानित। ९. २२ दिसंबर, २०१९ को बक्सर हिन्दी साहित्य सम्मेलन, बक्सर द्वारा सम्मानित। १०. अक्टूबर, २०२० में श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान। आदि। हिन्दी एवं भोजपुरी भाषा के प्रति समर्पित कार्यों के लिए छोटे बड़े विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संस्थाओं से जुड़ाव :- १. जिला अर्थ मंत्री, बक्सर हिंदी साहित्य सम्मेलन, बक्सर बिहार। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना से सम्बद्ध। २. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यासी, भोजपुरी विकास न्यास, बक्सर। ३. जिला कमिटी सदस्य, बक्सर। भोजपुरी साहित्य विकास मंच, कलकत्ता। ४. सदस्य, राष्ट्रवादी लेखक संघ ५. जिला महामंत्री, बक्सर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद। ६. सदस्य, राष्ट्रीय संचार माध्यम परिषद। ईमेल :- ashwinirai1980@gmail.com ब्लॉग :- shoot2pen.in

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