हर बार क्यूं वो आजादी की बात करते...
कविता
रात की अलसाई मंजरी भोर के एक चुम्बन...
कान लगा, सुन तो जरा ये खामोशी क्या कहती...
हम सीता के जन्मस्थली, राम ज्ञान अपार हईं।...
अभ्युदय पत्रिका पिता विशेषांक कभी पाबंदियों का फरमान तो...
मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अजिर बिहारी (राम...
सुबह हो गई, मोर्निग वॉक नहीं, दूध लेने...
#UBIContest – 77 विषय : उड़ान संख्या २०२२ विधा...
सोने के लिए जागना घर की अटारी पर किताबें...
आंखो से बहते स्याही को जज़्बात की कलम में...