मोबाइल मेरी परछाई नहीं, मेरे कल के काल का...
कविता
मूल से मूल निकालोगे, तो क्या मूल्य तुम...
अगर बरसातें होती तो क्या बात होती अगर...
क्या खास है इसमें इक मीठी सी चुसकी...
न जाने वो कहाँ चली गयी बिन उसके...
आज अयोध्या में नया भोर है, नए भोर...
कितने झंझावात आते, सबको उसने झेला था। जितने बाधा,...
UBI Contest ११६ शीर्षक : यदि दुनिया गुलाबी होती...
एक बार रत्नाकर डाकू ने बीहड़ में देवर्षि नारद...