महाकवि बाणभट्ट सातवीं शताब्दी के राजा हर्षवर्धन के कार्यकाल में संस्कृत भाषा के महान गद्यकार और विलक्षण कवि थे।
परिचय...
महाकवि बाणभट्ट संस्कृत के ऐसे गिने-चुने लेखकों में से एक हैं जिनके जीवन एवं...
छिमा बड़न को चाहिये, छोटन को उतपात।
का रहीम हरि को घट्यौ, जो भृगु मारी लात॥
अर्थात; रहीम कहते हैं कि क्षमा बड़प्पन का स्वभाव है और उत्पात छोटे और ओछे लोगों की प्रवृति।...
मदन कश्यप का जन्म २९ मई, १९५४ को बिहार के वैशाली में हुआ था। वे भारत के जानेमाने कवि हैं। वर्ष २०१५ में उन्हें उनकी कृति 'दूर दूर तक चुप्पी एवं अपना...
ए भाई, ज़रा देख के चलो,
आगे ही नहीं पीछे भी
दायें ही नहीं बायें भी,
ऊपर ही नहीं नीचे भी - २
ए भाई...
तू जहाँ आया है,
वो तेरा - घर नहीं, गाँव नहीं
गली नहीं, कूचा...
नगाड़े बज उठे
दुंदुभी भी बज पड़ी है
कुछ तो होने वाला है
सच में कुछ तो होने वाला है
चहूँ ओर घटा छाई है
ऋतु बदलने वाला है
चित्कार में भी कोई सार है
समय बदलने वाला है
वार...
अस्सी से नब्बे के मध्य दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कुछ धारावाहिक जैसे; ये जो है जिन्दगी, विक्रम बेताल, सिंहासन बत्तीसी, वाह जनाब, देवी जी, प्याले में तूफान, दाने अनार के, ये...
हिंदी कविता में छायावाद का युग द्विवेदी युग के बाद आया। द्विवेदी युग की कविता नीरस उपदेशात्मक और इतिवृत्तात्मक थी। छायावाद में इसके विरुद्ध विद्रोह करते हुए कल्पनाप्रधान, भावोन्मेशयुक्त कविता रची गई।...
रमेश चन्द्र झा का जन्म चंपारण, (बिहार) जिले के सुगौली स्थित फुलवरिया गाँव के जाने-माने देश-भक्त और स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मी नारायण झा के यहाँ ८ मई,१९२८ को हुआ था। अपने पिता और...