Tag: स्वतंत्रता

जगत सेठ रामदास गुड़वाला

आज हम एक ऐसे देशभक्त के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिनके बारे में कभी एक कहावत प्रसिद्ध थी कि “रामदास जी गुड़वाले के पास इतना सोना चांदी जवाहरात है,...

आजादी का निर्मोही खेल

  हर बार क्यूं वो आजादी की बात करते हैं, बस पाए हुए का क्यूं वो हिसाब करते हैं। जिसने देखा था कुछ और ही सपना, उस हसरत को क्यूं यूंही बर्बाद करते हैं।। हर साल आज...

स्वतंत्रता आंदोलन में उपेक्षित साहित्यकारों का योगदान

भारत को स्वतंत्र हुए ७५ वर्ष हो गए, मगर आज भी क्रांतिकारियों, राजनेताओं आदि की भांति अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले साहित्यकारों, कवियों के अहम योगदान को वह स्थान प्राप्त नहीं हो...

नाना राव पेशवा

पेशवा बाजीराव द्वितीय जिस समय दक्षिण छोड़कर गंगा तटस्थ बिठूर, कानपुर में रहने लगे थे, तब उनके साथ दक्षिण के पं. माधवनारायण राव और उनकी पत्नी गंगाबाई भी साथ रहने लगे थे।...

शचींद्रनाथ सान्याल

शचींद्रनाथ सान्याल का जन्म ३ अप्रेल, १८९३ को वाराणसी में हुआ था। वे क्रान्तिकारी थे और यही उनका परिचय भी है। क्रांतिकारी आंदोलन को बौद्धिक नेतृत्व प्रदान करना उनकी विशेष खूबी रही...

श्री श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा। सदा शक्ति सरसाने वाला प्रेम-सुधा बरसाने वाला वीरों को हरसाने वाला मातृभूमि का तन-मन सारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा। इस गीत को आप सभी ने सुना ही होगा, जी हां भारतीय...

लाला लाजपत राय

"पराजय और असफलता कभी-कभी विजय की और जरूरी कदम होते हैं।" शायद लाला जी यह पहले ही जानते थे की आज से कहीं ज्यादा लाचार कल का भारत होगा, असफलता और निराशा...

यशवंत अग्रवाडेकर

१७ दिसंबर, १९५८ का दिन था, अग्रवाडेकर जी कहीं जा रहे थे एकाएक उन्हें यह एहसास हुआ की उनका पीछा किया जा रहा है वो सम्हल गए और एक पेड़ के पीछे...
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