December 4, 2024

विषय : चुप्पी
दिनाँक : २३/०१/२०२०

बड़ी पुरानी बात है
अजी एक शादी वाली बात है
पहली बार दिल धड़का था
पहली मुलाकात वाली बात है

हम चले आए थे
अल्हड़ वाले अंदाज में
देख के उनको पहली बार
नजाकत समा गई
हमारे भी अंदाज में

बड़बोले बोल काफूर हुए
ताले लग गए हमारी जबान पे
चुप्पी टंग गई हमारे मिजाज में

क्यूँ हुआ था ऐसा
ये आज तक ना जान पाए
देखते ही कदम रुक जाते
नजरें भटकने लगती
दिल धड़कने लगते
मगर जबान कभी
कुछ भी ना कह पाए

देखने को हम
शांत बने रहे हरदम
देखते रहने को उनको
बेचैन रहते हरदम

सोचते रहते
क्यूँ ना हम
यहीं रह जाएं
उनके साथ कुछ और
वक़्त बिताएं

जो इक शादी थी
वो गुजरी वहां
दूजी आई फिर वहां
अजी पूछिए मत कहां
पहली बार उन्हें देख कर
दिल धड़का था जहाँ

किस्मत भी हमारी
बड़ी शातिर थी
उनसे मिलाने को हमें
चाल चलती रही
मगर जबान बड़ी बावली थी
हर बार यूँ ही चुप्पी साधे रही

किस्मत को शायद ये ना भाया
बेरहम उसने खूब बदला चुकाया
चुरा ले गई उसे ऐसी जगहा
जहाँ से लौटकर कोई ना आ पाया

किस्मत की चालें
शायद जबां जानती थी
जब दिल रो रहा था
वो चुप्पी साधे पड़ी थी

अश्विनी राय ‘अरुण

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