हम बात शुरू करते हैं आदि शंकराचार्य से, जिन्होंने घोषणा की थी कि जो दिखाई देने वाली दुनिया है वह सिर्फ झूठ है। अगर कुछ सत्य है, तो सिर्फ ब्रह्म है। उनके...
भजो रे भैया राम गोविंद हरी।
राम गोविंद हरी भजो रे भैया राम गोविंद हरी।।
जप तप साधन नहिं कछु लागत, खरचत नहिं गठरी।।
संतत संपत सुख के कारन, जासे भूल परी।।
कहत कबीर राम नहीं...
महर्षि कश्यप की पहली पत्नी अदिति से उत्पन्न हुए पुत्रों को आदित्य कहा जाता है, ये बारह हैं। इंद्र (देवताओं के राजा), विवस्वान् (सूर्य देव), पर्जन्य (मेघों के नियंत्रक), त्वष्टा (सूर्य को...
रविदास अथवा रैदास मध्यकालीन भारत के महान संत थे। इन्हें सतगुरु अथवा जगतगुरु की उपाधि दी जाती है। इन्होने रैदासिया अथवा रविदासिया पंथ की स्थापना की और इनके रचे गये कुछ भजन...
लेखक, गीतकार, कहानीकार, चित्रकार, मूर्तिकार, पुरातत्वविद् आदि विषयों में महारथ हासिल करने वाले कृष्णदास जी ‘ललित कला अकादमी' के भी सदस्य थे, परंतु उनका विशेष योगदान हिन्दी के प्रति रहा। उन्होंने इसमें...
श्रीरामकृष्ण परमहंस के शिष्य एवं परमहंस योगानंद के गुरु श्रीमान 'एम' तथा 'मास्टर महाशय' के नाम से प्रसिद्ध महेन्द्रनाथ गुप्त का जन्म १२ मार्च, १८५४ को कोलकाता (कलकत्ता) में हुआ था।
परिचय...
महेंद्रनाथ गुप्ता...
आधुनिक विश्व में कोई कितना पढ़ा लिखा हो सकता है अथवा कोई कितनी पदों पर आसीन हो सकता है ??? जैसे;
(क) पद...
१. डॉक्टर
२. बैरिस्टर
३. भारतीय पुलिस सेवा (IPS)
४. भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS)
५....
हिन्दी साहित्य के आदिकालीन कवि तथा पृथ्वीराज चौहान के परम् मित्र, जिन्होंने पृथ्वीराज रासो नामक प्रसिद्ध हिन्दी ग्रन्थ की रचना की थी, आज हम उस महान साहित्य साधक, धर्म परायण चंदबरदाई के...