प्यार के छोटे बोल पर रिश्ता निभाना आता है। तेरे लिए कृपण रस्म...
कविता
जीवन की धमनियों में बहते प्रवाह को ही कविता कहते हैं।
क्रोध भी हाजिर है, बस दिखाने के, डराने के। नफरत भी हाजिर उसके,...
ए अलबेली री तू औरत करैली सुगंधित धनिया री मिर्ची अकेली पतली सी...
मेरी अनेकानेक गलतियों में एक गलती यह है कि मैं राजनीति नहीं जानता...
रात की अलसाई मंजरी भोर के एक चुम्बन से, सकुचाई लालिमा लिए रवि...
कान लगा, सुन तो जरा ये खामोशी क्या कहती है? कुछ उलझनों के भाव...
हम सीता के जन्मस्थली, राम ज्ञान अपार हईं। हम महावीर के तपस्या, त...
अभ्युदय पत्रिका पिता विशेषांक कभी पाबंदियों का फरमान तो कभी नए नए कानूनों से...