प्यार के छोटे बोल पर रिश्ता निभाना आता...
कविता
जीवन की धमनियों में बहते प्रवाह को ही कविता कहते हैं।
क्रोध भी हाजिर है, बस दिखाने के, डराने...
ए अलबेली री तू औरत करैली सुगंधित धनिया...
मेरी अनेकानेक गलतियों में एक गलती यह है...
रात की अलसाई मंजरी भोर के एक चुम्बन...
कान लगा, सुन तो जरा ये खामोशी क्या कहती...
हम सीता के जन्मस्थली, राम ज्ञान अपार हईं।...
अभ्युदय पत्रिका पिता विशेषांक कभी पाबंदियों का फरमान तो...