कितने झंझावात आते,
सबको उसने झेला था।
जितने बाधा, कंटक आते,
सबसे उसने खेला था।।
आत्मविश्वासी, कर्मनिष्ठ वह,
राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत।
हिम्मत आसमां से भी ऊंची,
चमक उठी ज्ञान-प्रभोत।।
कद काठी में छोटे दिखते,
मगर जन जन के थे प्यारे।
भारत माता के थे रखवारे।।
‘जय जवान’ ‘जय किसान’
उनका अजब का नारा था।
उनका दृढ़ निश्चय ही था जो,
पाकिस्तान हिन्द से हारा था।।
ना जाते गर वो ताशकंद तो,
ना देश अथाह अनाथ होता।
सीमाएं उनकी मिट जाती,
बस तिरंगे का ही राज होता।।
विद्यावाचस्पति अश्विनी राय ‘अरुण’
[…] लालबहादुर शास्त्री जी का जन्म २ अक्टूबर, १९०४ को मुगलसराय, (बनारस, उत्तरप्रदेश) में एक कायस्थ परिवार में मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव के यहाँ हुआ था। उनके पिता प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे अत: सब उन्हें मुंशीजी ही कहते थे। बाद में उन्होंने राजस्व विभाग में लिपिक की नौकरी कर ली थी। शास्त्री जी की माँ का नाम रामदुलारी था। परिवार में सबसे छोटा होने के कारण बालक लालबहादुर को परिवार वाले प्यार में नन्हें कहकर ही बुलाया करते थे। जब नन्हें अठारह महीने का हुआ दुर्भाग्य से पिता का निधन हो गया। उनकी माँ रामदुलारी अपने पिता हजारीलाल के घर मिर्ज़ापुर चली गयीं। कुछ समय बाद उसके नाना भी नहीं रहे। बिना पिता के बालक नन्हें की परवरिश करने में उसके मौसा रघुनाथ प्रसाद ने उसकी माँ का बहुत सहयोग किया। ननिहाल में रहते हुए उसने प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद की शिक्षा हरिश्चन्द्र हाई स्कूल और काशी विद्यापीठ में हुई। काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि मिलने के बाद उन्होंने जन्म से चला आ रहा जातिसूचक शब्द श्रीवास्तव हमेशा हमेशा के लिये हटा दिया और अपने नाम के आगे ‘शास्त्री’ लगा लिया। इसके पश्चात् शास्त्री शब्द लालबहादुर के नाम का पर्याय ही बन गया और वे बन गए लाल बहादुर शास्त्री। […]